धारा विद्युत: विद्युत धाराओं को समझना

धारा विद्युत: विद्युत धाराओं को समझना

परिचय

धारा विद्युत (Current Electricity) का अध्ययन उन आवेशों के प्रवाह से संबंधित है जो किसी चालक के माध्यम से प्रवाहित होते हैं। यह भौतिकी की वह शाखा है जो विद्युत धाराओं, उनके प्रभावों और उनके व्यवहार को नियंत्रित करने वाले नियमों से संबंधित है। धारा विद्युत को समझना, विद्युत परिपथों और उपकरणों के उन्नत अवधारणाओं का पता लगाने के लिए मौलिक है।

विद्युत धारा क्या है?

विद्युत धारा एक विशिष्ट दिशा में विद्युत आवेश का प्रवाह है। इसे एम्पीयर (A) में मापा जाता है, जहां एक एम्पीयर उस बिंदु से एक सेकंड में गुजरने वाले एक कूलम्ब आवेश के बराबर होता है।

ओम का नियम (Ohm’s Law)

ओम का नियम बताता है कि किसी चालक के दो बिंदुओं के बीच प्रवाहित होने वाली धारा (I) उन बिंदुओं के बीच के वोल्टेज (V) के सीधे अनुपाती होती है और चालक के प्रतिरोध (R) के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

सूत्र: V = I × R

उदाहरण 1:

यदि किसी प्रतिरोधक पर वोल्टेज 10 वोल्ट है और प्रतिरोध 2 ओम है, तो धारा ओम के नियम का उपयोग करके गणना की जा सकती है:

गणना: I = frac{V}{R} = frac{10}{2} = 5 A

श्रृंखला और समानांतर परिपथ (Series and Parallel Circuits)

श्रृंखला परिपथ: श्रृंखला परिपथ में सभी घटकों में धारा समान होती है, लेकिन वोल्टेज प्रत्येक घटक में विभाजित होती है।

समानांतर परिपथ: समानांतर परिपथ में सभी शाखाओं में वोल्टेज समान होती है, लेकिन धारा शाखाओं में विभाजित होती है।

उदाहरण 2: श्रृंखला परिपथ

मान लीजिए कि एक श्रृंखला परिपथ में तीन प्रतिरोधक 2Ω, 3Ω, और 5Ω को 10V बैटरी से जोड़ा गया है। कुल प्रतिरोध (R_total) व्यक्तिगत प्रतिरोधों का योग होता है:

गणना: R_{total} = 2 + 3 + 5 = 10 Ω

परिपथ में धारा (I) होती है:

गणना: I = frac{V}{R_{total}} = frac{10}{10} = 1 A

उदाहरण 3: समानांतर परिपथ

मान लीजिए कि एक समानांतर परिपथ में दो प्रतिरोधक 4Ω और 6Ω को 12V बैटरी से जोड़ा गया है। कुल प्रतिरोध (R_total) निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके गणना की जा सकती है:

गणना: frac{1}{R_{total}} = frac{1}{R_1} + frac{1}{R_2} = frac{1}{4} + frac{1}{6} = frac{3 + 2}{12} = frac{5}{12}

तो,

गणना: R_{total} = frac{12}{5} = 2.4 Ω

परिपथ में धारा (I) होती है:

गणना: I = frac{V}{R_{total}} = frac{12}{2.4} = 5 A

किर्चहॉफ के नियम (Kirchhoff’s Laws)

किर्चहॉफ का धारा नियम (KCL): किसी संगम में प्रवेश करने वाली कुल धारा संगम से निकलने वाली कुल धारा के बराबर होती है।

किर्चहॉफ का वोल्टेज नियम (KVL): एक बंद लूप के चारों ओर सभी वोल्टेजों का योग शून्य होता है।

उदाहरण 4:

एक परिपथ में तीन शाखाएं एक संगम पर मिलती हैं, यदि पहली शाखा से 2A प्रवेश करती है, दूसरी शाखा से 3A प्रवेश करती है, और तीसरी शाखा से धारा निकलती है, तो संगम से निकलने वाली धारा होती है:

गणना: I_{leaving} = 2A + 3A = 5A

विद्युत शक्ति और ऊर्जा (Electrical Power and Energy)

किसी विद्युत उपकरण द्वारा खपत की जाने वाली शक्ति (P) वोल्टेज (V) और उसमें प्रवाहित होने वाली धारा (I) का गुणनफल होती है:

सूत्र: P = V × I

उदाहरण 5:

यदि कोई उपकरण 12V पर कार्य करता है और 2A की धारा खींचता है, तो खपत की गई शक्ति होती है:

गणना: P = 12 × 2 = 24 W

निष्कर्ष

धारा विद्युत को समझना अधिक जटिल विद्युत परिपथों और उपकरणों का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है। विद्युत धारा, ओम का नियम, श्रृंखला और समानांतर परिपथ, किर्चहॉफ के नियम और विद्युत शक्ति की अवधारणाएं इस क्षेत्र की नींव बनाती हैं।

Current Electricity

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