मौखिक अभिव्यक्ति कौशल की विशेषताएँ और विकास की शिक्षण-अधिगम रणनीतियाँ
परिचय
मौखिक अभिव्यक्ति भाषा शिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विद्यार्थियों को अपने विचारों, भावनाओं और जानकारियों को स्पष्ट, प्रभावशाली और आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत करने की क्षमता प्रदान करता है। यह कौशल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मौखिक अभिव्यक्ति की विशेषताएँ
मौखिक अभिव्यक्ति की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- संपे्रषण की क्षमता: यह कौशल व्यक्ति को प्रभावशाली ढंग से विचारों को दूसरों तक पहुँचाने में सक्षम बनाता है।
- सहजता और प्रवाह: भाषा का प्रवाह, उच्चारण की स्पष्टता और शुद्धता इस कौशल के मुख्य अंग हैं।
- विचारों की क्रमबद्धता: विचारों को तार्किक और क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत करने की योग्यता आवश्यक है।
- सुनने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता: संवाद में केवल बोलना नहीं, सुनना और प्रतिक्रिया देना भी आवश्यक होता है।
- शब्दावली का प्रयोग: उपयुक्त शब्दों और मुहावरों का प्रयोग मौखिक संप्रेषण को प्रभावशाली बनाता है।
मौखिक अभिव्यक्ति के विकास की शिक्षण-अधिगम रणनीतियाँ
शिक्षक विभिन्न शिक्षण रणनीतियों के माध्यम से छात्रों की मौखिक अभिव्यक्ति को सशक्त बना सकते हैं।
1. संवादात्मक शिक्षण
शिक्षक छात्रों को विभिन्न सामाजिक परिदृश्यों पर संवाद करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। जैसे – बाजार में बातचीत, इंटरव्यू लेना, स्कूल की समस्याओं पर परिचर्चा आदि।
2. भूमिका-निर्वाह (Role Play)
छात्रों को विभिन्न भूमिकाओं में अभिनय करने का अवसर देना, जैसे शिक्षक, डॉक्टर, दुकानदार, आदि। इससे वे आत्मविश्वास के साथ बोलना सीखते हैं।
3. कहानी सुनाना और सुनना
शिक्षक कहानी सुनाकर छात्रों से उस पर अपने शब्दों में प्रतिक्रिया देने के लिए कहें। इसके लिए ‘चित्र कथा’, ‘अधूरी कहानी पूरी करना’ जैसे क्रियाकलाप सहायक हो सकते हैं।
4. समूह चर्चा
किसी सामाजिक, शैक्षणिक या समसामयिक विषय पर छात्रों को समूहों में चर्चा के लिए कहना और उन्हें अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर देना।
5. कविता पाठ एवं वाचन
छात्रों को भावनात्मक और रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए कविता पाठ और कहानी वाचन हेतु प्रोत्साहित करना।
6. दृश्य आधारित अभ्यास
चित्रों के आधार पर वर्णन करने या कहानी गढ़ने के लिए प्रेरित करना। इससे छात्रों की कल्पनाशक्ति और अभिव्यक्ति दोनों का विकास होता है।
7. समाचार प्रस्तुत करना
छात्रों को दैनिक समाचार को पढ़ने और कक्षा में प्रस्तुत करने के लिए कहना, जिससे वे मौखिक रूप से सही और प्रभावी संप्रेषण कर सकें।
मूल्यांकन
मौखिक अभिव्यक्ति के विकास हेतु निरंतर फीडबैक और छात्र की भाषा प्रगति का आकलन आवश्यक है। शिक्षक को चाहिए कि वे भाषा के सभी पहलुओं (शब्दावली, व्याकरण, उच्चारण, भावना) पर ध्यान दें और सकारात्मक प्रतिक्रिया दें।
निष्कर्ष
मौखिक अभिव्यक्ति केवल भाषा का प्रयोग नहीं, बल्कि विचारों की प्रस्तुति की कला है। विद्यार्थियों में इस कौशल को विकसित करने के लिए शिक्षक को प्रेरक वातावरण, संवाद के अवसर और रोचक गतिविधियाँ प्रदान करनी चाहिए। इससे छात्रों का आत्मविश्वास और भाषा दक्षता दोनों में सुधार होता है।