व्यावहारिक शब्द क्या है? शिक्षण अभ्यास के दौरान आपके द्वारा किए गए व्यावहारिक शब्द का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
परिचय
व्यावहारिक शब्द (Pragmatic Word) ऐसे शब्द होते हैं जिनका उपयोग दैनिक जीवन के व्यवहार में किसी निश्चित उद्देश्य या कार्य को संपन्न करने हेतु किया जाता है। ये शब्द संदर्भ आधारित होते हैं और बोलचाल की भाषा में अधिक प्रयुक्त होते हैं। भाषा शिक्षण में व्यावहारिक शब्दों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इनके माध्यम से छात्र भाषा के सामाजिक और व्यावहारिक पक्ष को बेहतर समझ पाते हैं।
व्यावहारिक शब्द की विशेषताएँ
- यह शब्द भाषा को सजीव और प्रयोजनपरक बनाते हैं।
- ये शब्द सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भों में प्रयुक्त होते हैं।
- इनका प्रयोग संवादों और दैनिक व्यवहार में प्रमुखता से होता है।
- छात्रों के संप्रेषण कौशल के विकास में सहायक होते हैं।
शिक्षण अभ्यास में व्यावहारिक शब्द का प्रयोग
मेरे शिक्षण अभ्यास के दौरान मैंने कक्षा 7 में ‘बाजार में संवाद’ विषय पर एक गतिविधि करवाई। इस गतिविधि का उद्देश्य था छात्रों में व्यावहारिक शब्दों का प्रयोग सिखाना।
गतिविधि का विवरण
छात्रों को दो समूहों में बाँटा गया – एक दुकानदार और दूसरा ग्राहक। उन्हें काल्पनिक सब्जियाँ और नकली पैसे दिए गए। संवाद का प्रारूप इस प्रकार था:
- ग्राहक: “भैया, टमाटर कितने का है?”
- दुकानदार: “40 रुपये किलो।”
- ग्राहक: “थोड़ा सस्ता करिए न।”
- दुकानदार: “अच्छा, 35 में ले लीजिए।”
इस बातचीत के दौरान प्रयुक्त कुछ प्रमुख व्यावहारिक शब्द थे: लो, लीजिए, चाहिए, कितना, तौलो, सस्ता, महँगा, अच्छा, ताज़ा, और देना।
इस अभ्यास के लाभ
- छात्रों में संवाद शैली और व्यावहारिक शब्दों का उपयोग सिखाया गया।
- उनकी आत्म-विश्वास और अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि हुई।
- छात्रों ने भाषा को वास्तविक जीवन से जोड़ना सीखा।
- शिक्षक को छात्रों की संवाद क्षमता का मूल्यांकन करने का अवसर मिला।
निष्कर्ष
व्यावहारिक शब्दों का प्रयोग भाषा को वास्तविकता के निकट लाता है। शिक्षण अभ्यास में ऐसे शब्दों की मदद से छात्र भाषा को केवल पुस्तकीय ज्ञान के रूप में नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक उपकरण के रूप में समझते हैं। ऐसे शिक्षण प्रयास भाषा शिक्षा को प्रभावी और जीवनोपयोगी बनाते हैं।