आधुनिक हिंदी काव्य

एम.ए.डी.-02: आधुनिक हिंदी काव्य – सभी प्रश्नों के उत्तर (2024–2025)

एम.ए.डी.-02: आधुनिक हिंदी काव्य सत्रीय कार्य 2024–25 Course Code: एम.ए.डी.-02 Assignment Code: एम.ए.डी.-02 / टी.एम.ए. / 2024–25 Maximum Marks: 100 सभी प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध हैं: भारतेन्दु की कविता में राष्ट्रभाव की भावना कूट–कूट कर भरी हुई है। सप्रसंग स्पष्ट कीजिए। उत्तर पढ़ें सियारामशरण गुप्त की कविता गुप्त जी को […]

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अज्ञेय की काव्य भाषा का वैशिष्ट्य बताइए।

परिचय अज्ञेय (सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन) हिंदी साहित्य के प्रगतिशील, प्रयोगवादी और नई कविता आंदोलन के प्रमुख कवि थे। उनकी कविता में गहन बौद्धिकता, जीवन-दर्शन और अनुभूतियों की सूक्ष्मता मिलती है। उन्होंने कविता की भाषा को न केवल संवेदनशील बनाया, बल्कि उसे दार्शनिक गहराई से भी जोड़ा। अज्ञेय की काव्य भाषा की विशेषताएँ 1. बौद्धिकता और

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“निराशा राग और विराग के कवि हैं” इस कथन की साक्ष्यात्मक सिद्ध कीजिए।

परिचय हिंदी साहित्य के आधुनिक युग में कई ऐसे कवि हुए जिन्होंने अपनी भावनाओं, अनुभूतियों और चिंतन से साहित्य को समृद्ध किया। इन कवियों में ‘रामधारी सिंह दिनकर’, ‘जयशंकर प्रसाद’, ‘सुमित्रानंदन पंत’ और ‘महादेवी वर्मा’ प्रमुख रहे। परंतु ‘महादेवी वर्मा’ को विशेष रूप से “निराशा राग और विराग की कवयित्री” कहा जाता है। निराशा राग

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सियारामशरण गुप्त की कविता गुप्त जी को क्यों और कब आरंभ हुई? यह कब समाप्त हुई? कविता की ऐतिहासिकता और शैली पर विवेचन कीजिए।

परिचय सियारामशरण गुप्त हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण कवियों में से एक हैं, जिन्होंने खड़ी बोली को साहित्यिक अभिव्यक्ति के स्तर पर प्रतिष्ठित किया। उनकी कविताएं भारतीय संस्कृति, राष्ट्रप्रेम, नारी सम्मान, सामाजिक चेतना और मानवीय मूल्यों पर आधारित होती थीं। वे छायावाद से पूर्व के युग में भारतीय आत्मा की आवाज बने। कविता लेखन की शुरुआत

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भारतेन्दु की कविता में राष्ट्रभाव की भावना कूट–कूट कर भरी हुई है। सप्रसंग स्पष्ट कीजिए।

परिचय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को हिंदी साहित्य के आदिकालीन आधुनिक युग का जनक माना जाता है। उन्होंने हिंदी को जन जागरण और सामाजिक सुधार का माध्यम बनाया। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावना का स्पष्ट प्रदर्शन होता है। वे भारत के तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पतन से चिंतित थे और उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम

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