गीता के अनुसार ध्यानयोग पर प्रकाश डालिए।

परिचय भगवद्गीता में ध्यानयोग एक महत्वपूर्ण मार्ग है जिसके द्वारा मनुष्य आत्म-शुद्धि, आत्मज्ञान और परमात्मा से एकत्व की प्राप्ति कर सकता है। यह मार्ग मानसिक शांति, आत्मिक उन्नति और मोक्ष की दिशा में साधक को अग्रसर करता है। ध्यानयोग विशेष रूप से गीता के छठे अध्याय में विस्तार से वर्णित है। ध्यानयोग की परिभाषा ‘ध्यान’ […]

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