गीता में कर्मसंन्यास के अभिप्राय पर विस्तार से लेख लिखिए।

परिचय भगवद्गीता में कर्मसंन्यास एक गूढ़ और महत्वपूर्ण विषय है। यह विषय उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति कर्मों से मुक्त होकर आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होता है। हालांकि गीता केवल बाहरी संन्यास को महत्त्व नहीं देती, बल्कि अंतर्मन के संन्यास को अधिक मूल्यवान मानती है। इस लेख में हम गीता में वर्णित कर्मसंन्यास […]

गीता में कर्मसंन्यास के अभिप्राय पर विस्तार से लेख लिखिए। Read More »