विद्यापति पदावली में भक्ति और श्रृंगार का द्वंद्व किस रूप में प्रकट हुआ?

प्रस्तावना विद्यापति मैथिली भाषा के महान कवि माने जाते हैं। उनकी ‘पदावली’ श्रृंगार और भक्ति रस का अद्भुत संगम है। उन्होंने अपने काव्य में राधा-कृष्ण के प्रेम को माध्यम बनाकर ईश्वर और आत्मा के बीच के संबंध को दर्शाया है। उनके काव्य में श्रृंगार की कोमलता और भक्ति की गहराई दोनों स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर […]

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