भारतेन्दु की कविता में राष्ट्रभाव की भावना कूट–कूट कर भरी हुई है। सप्रसंग स्पष्ट कीजिए।

परिचय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को हिंदी साहित्य के आदिकालीन आधुनिक युग का जनक माना जाता है। उन्होंने हिंदी को जन जागरण और सामाजिक सुधार का माध्यम बनाया। उनकी रचनाओं में राष्ट्रीय भावना का स्पष्ट प्रदर्शन होता है। वे भारत के तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पतन से चिंतित थे और उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम […]

भारतेन्दु की कविता में राष्ट्रभाव की भावना कूट–कूट कर भरी हुई है। सप्रसंग स्पष्ट कीजिए। Read More »