विद्या के स्वरूप पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

परिचय ‘विद्या’ शब्द का अर्थ होता है – ज्ञान, समझ, और वह बोध जिससे व्यक्ति सत्य को पहचान सके। भगवद्गीता में विद्या केवल शास्त्रों के ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि आत्मा, परमात्मा और उनके परस्पर संबंध को जानने की योग्यता को भी ‘विद्या’ कहा गया है। गीता का विद्या सम्बन्धी दृष्टिकोण व्यक्ति को आत्म-ज्ञान […]

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