परिचय
महाभारत के युद्ध में पाण्डव पक्ष धर्म, सत्य और न्याय का प्रतीक था। पाण्डवों के साथ अनेक ऐसे महानायक थे, जिन्होंने न केवल वीरता दिखाई, बल्कि अपने आदर्शों और सिद्धांतों से युद्ध को धर्मयुद्ध बना दिया। इस उत्तर में हम पाण्डव पक्ष के प्रमुख महानायकों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करेंगे।
1. अर्जुन
- परिचय: अर्जुन पांडवों में तीसरे नंबर के पुत्र थे। वे इन्द्र के पुत्र माने जाते हैं।
- विशेषता: महान धनुर्धर, श्रीकृष्ण के परम भक्त और गीता के श्रोता।
- भूमिका: महाभारत युद्ध में अर्जुन मुख्य योद्धा थे। उन्होंने भीष्म, कर्ण और अन्य महारथियों से युद्ध किया।
2. भीम
- परिचय: पांडवों में दूसरे स्थान पर, पवन देव के पुत्र।
- विशेषता: बलशाली, महाबली योद्धा, गदा युद्ध में निपुण।
- भूमिका: दुःशासन का वध किया, कौरवों के विरुद्ध अद्भुत पराक्रम दिखाया।
3. युधिष्ठिर
- परिचय: पांडवों के ज्येष्ठ भाई, धर्मराज यम के पुत्र।
- विशेषता: सत्यवादी, न्यायप्रिय, शांत स्वभाव।
- भूमिका: युद्ध में रणनीति निर्धारण, धर्म का पालन और विजय के बाद राजसूय यज्ञ।
4. नकुल और सहदेव
- परिचय: ये जुड़वा भाई अश्विनीकुमारों के पुत्र थे।
- विशेषता: नकुल – घुड़सवारी और तलवार में पारंगत; सहदेव – खगोल विद्या और नीति में निपुण।
- भूमिका: युद्ध में पांडवों के सहयोगी योद्धा के रूप में कार्य किया।
5. श्रीकृष्ण
- परिचय: यादव वंश के राजकुमार, विष्णु के अवतार।
- विशेषता: रणनीतिकार, कूटनीति विशेषज्ञ, गीता के उपदेशक।
- भूमिका: अर्जुन के सारथी बने, गीता का उपदेश दिया, युद्ध में बिना हथियार उठाए भी निर्णायक भूमिका निभाई।
6. द्रष्टद्युम्न
- परिचय: द्रुपद राजा के पुत्र और द्रौपदी के भाई।
- विशेषता: युद्ध के लिए विशेष रूप से जन्मे योद्धा।
- भूमिका: पांडव पक्ष की सेना के सेनापति और द्रोणाचार्य के वध के लिए प्रसिद्ध।
7. शिखंडी
- परिचय: पूर्वजन्म में अम्बा, भीष्म से बदला लेने के लिए जन्मे।
- विशेषता: साहसी और निर्णायक योद्धा।
- भूमिका: भीष्म के वध में प्रमुख भूमिका निभाई।
निष्कर्ष
पांडव पक्ष के महानायक केवल योद्धा नहीं थे, बल्कि वे उच्च आदर्शों, नैतिकता और धर्म के प्रतीक थे। उन्होंने न केवल युद्ध जीता, बल्कि यह भी सिखाया कि सच्ची विजय धर्म, नीति और सत्य के मार्ग पर चलकर ही संभव है।
