स्थैतिक विद्युत का परिचय
परिचय
स्थैतिक विद्युत (Electrostatics) वह अध्ययन है जो स्थिर विद्युत आवेशों का अध्ययन करता है। यह भौतिकी का वह क्षेत्र है जो स्थिर विद्युत आवेशों से जुड़े बलों, क्षेत्रों और विभवों से संबंधित है। स्थैतिक विद्युत को समझना, बिजली और चुंबकत्व के मूल सिद्धांतों को समझने के लिए आवश्यक है।
विद्युत आवेश क्या हैं?
विद्युत आवेश कणों की ऐसी विशेषताएं हैं जो उन्हें विद्युत क्षेत्र में रखने पर बल अनुभव कराती हैं। दो प्रकार के आवेश होते हैं: धनात्मक और ऋणात्मक। समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं जबकि विपरीत आवेश आकर्षित करते हैं।
कूलम्ब का नियम (Coulomb’s Law)
कूलम्ब का नियम दो बिंदु आवेशों के बीच बल का वर्णन करता है। दो आवेशों (q1 और q2) के बीच बल (F) उनके गुणनफल के सीधे अनुपाती होता है और उनके बीच की दूरी (r) के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
सूत्र: F = k frac{q1 cdot q2}{r^2}
जहां k कूलम्ब स्थिरांक है।
उदाहरण 1:
यदि दो आवेश, 3 µC और 5 µC, 2 मीटर की दूरी पर रखे जाते हैं, तो कूलम्ब के नियम का उपयोग करके उनके बीच बल की गणना की जा सकती है। मानों को प्रतिस्थापित करते हुए:
गणना: F = frac{9 times 10^9 times 3 times 10^{-6} times 5 times 10^{-6}}{2^2} = frac{135 times 10^{-3}}{4} = 33.75 times 10^{-3} = 0.03375 N
उदाहरण 2:
यदि दो आवेशों के बीच की दूरी आधी हो जाती है, तो बल चार गुना बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, यदि उदाहरण 1 के आवेशों को 1 मीटर की दूरी पर लाया जाता है:
गणना: F = frac{9 times 10^9 times 3 times 10^{-6} times 5 times 10^{-6}}{1^2} = 135 times 10^{-3} = 0.135 N
विद्युत क्षेत्र और विभव
विद्युत क्षेत्र एक चार्ज कण के चारों ओर का वह क्षेत्र है जहां अन्य आवेश बल अनुभव करेंगे। विद्युत विभव वह कार्य है जो एक इकाई धनात्मक आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में किया जाता है।
उदाहरण 3:
मान लीजिए कि 4 µC का एक बिंदु आवेश है। इस आवेश से 3 मीटर की दूरी पर विद्युत क्षेत्र (E) की गणना निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके की जा सकती है:
गणना: E = frac{k cdot q}{r^2} = frac{9 times 10^9 times 4 times 10^{-6}}{3^2} = frac{36 times 10^3}{9} = 4 times 10^3 N/C
धारिता और संधारित्र (Capacitance and Capacitors)
धारिता एक प्रणाली की विद्युत आवेश को संग्रहित करने की क्षमता है। संधारित्र (Capacitor) एक उपकरण है जो विद्युत क्षेत्र में विद्युत ऊर्जा को संग्रहित करता है, जिसमें आमतौर पर दो संवाहक प्लेटें होती हैं जिन्हें एक इन्सुलेटिंग सामग्री द्वारा अलग किया जाता है।
उदाहरण 4:
एक संधारित्र जिसकी धारिता 10 µF (माइक्रोफैराड) है, को 12 वोल्ट से चार्ज किया गया है। संग्रहित आवेश (Q) की गणना निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके की जा सकती है:
गणना: Q = C times V = 10 times 10^{-6} times 12 = 120 times 10^{-6} C = 120 µC
उदाहरण 5:
दो संधारित्र, एक 10 µF और दूसरा 20 µF, समानांतर में जुड़े होते हैं। समतुल्य धारिता (equivalent capacitance) दोनों की धारिताओं के योग के बराबर होती है:
गणना: C_{eq} = 10 µF + 20 µF = 30 µF
निष्कर्ष (Conclusion)
स्थैतिक विद्युत को समझना बिजली और चुंबकत्व के अधिक जटिल विषयों का अध्ययन करने के लिए महत्वपूर्ण है। विद्युत आवेश, कूलम्ब का नियम, विद्युत क्षेत्र और संधारित्र की अवधारणाएं इस क्षेत्र की नींव बनाती हैं।