2025

MBG-005: विभूतियोग – Assignment Answers (2024–25)

MBG-005 विभूतियोग (सत्रीय कार्य) – सभी उत्तर नीचे MBG-005 (विभूतियोग) असाइनमेंट के सभी प्रश्नों के उत्तरों के लिंक दिए गए हैं। प्रत्येक उत्तर 600+ शब्दों में सरल हिंदी में लिखा गया है: शस्त्रधारी राम के स्वरूप को विस्तार से निरूपित कीजिए। शंकर एवं विष्णु पर विस्तृत लेख लिखिए। सप्तऋषिकुमार तथा कश्यपमुनि पर विशद निबंध लिखिए। […]

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नरसिंह तथा वामन लीला पर टिप्पणी लिखिए।

परिचय भगवान विष्णु के दशावतारों में नरसिंह और वामन अवतार का अत्यंत विशेष स्थान है। ये दोनों अवतार धर्म की स्थापना, अधर्म के नाश और भक्तों की रक्षा हेतु हुए थे। ये लीलाएँ केवल पौराणिक कथाएँ नहीं हैं, बल्कि गहरे नैतिक और आध्यात्मिक संदेशों को प्रस्तुत करती हैं। इस लेख में हम नरसिंह और वामन

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गीता के अनुसार देवी शक्तियों की अवधारणा को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।

परिचय भगवद्गीता एक सार्वभौमिक ग्रंथ है जिसमें आत्मा, परमात्मा, प्रकृति और शक्ति के बीच के संबंध को स्पष्ट किया गया है। यद्यपि गीता में सीधे-सीधे देवी देवताओं की पूजा की चर्चा कम है, लेकिन उसमें देवी शक्तियों की अवधारणा को गहराई से समझाया गया है। गीता के अनुसार सृष्टि में व्याप्त हर शक्ति, हर ऊर्जा,

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बुद्धिमान हनुमान के स्वरूप पर संक्षिप्त लेख लिखिए।

परिचय हनुमान जी को केवल बलशाली और वीर योद्धा ही नहीं, अपितु अत्यंत बुद्धिमान, ज्ञानी और विवेकशील देवता भी माना जाता है। वे श्रीराम के अनन्य भक्त, नीति के ज्ञाता, और धर्म के मार्गदर्शक हैं। तुलसीदास जी ने हनुमान जी को ‘बुद्धिमतां वरिष्ठम्’ कहा है, अर्थात् वे बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं। इस लेख में हम

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अष्टसिद्धि के स्वरूप पर टिप्पणी लिखिए।

परिचय भारतीय योग और अध्यात्म परंपरा में सिद्धियों का विशेष महत्व है। ‘सिद्धि’ का अर्थ है – वह विशेष शक्ति या उपलब्धि जो साधना, भक्ति या योग के माध्यम से प्राप्त होती है। ‘अष्टसिद्धि’ का तात्पर्य उन आठ अद्भुत और दैवी शक्तियों से है जो किसी साधक या भक्त को दिव्य गुणों के रूप में

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गीता में पर्यावरण विज्ञान के तत्वों पर विस्तृत लेख लिखिए।

परिचय भगवद्गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह जीवन का दर्शन और व्यवहारिक विज्ञान भी प्रस्तुत करती है। इसमें पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व और प्रकृति के साथ संतुलित जीवन की प्रेरणा मिलती है। गीता में अनेक ऐसे श्लोक हैं जो हमें पर्यावरण संतुलन, प्रकृति के महत्व और उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करते

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शक्ति और गणेश के स्वरूप पर विस्तार से लिखिए।

परिचय भारतीय धर्म, दर्शन और संस्कृति में ‘शक्ति’ और ‘गणेश’ दोनों की विशिष्ट भूमिका है। शक्ति को सृष्टि की मूल ऊर्जा माना जाता है जबकि गणेश को सभी शुभ कार्यों की शुरुआत में पूज्य माना जाता है। ये दोनों देवता केवल धार्मिक उपासना के विषय नहीं हैं, बल्कि जीवन दर्शन के भी प्रतीक हैं। इस

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सूर्य तथा हनुमान के दैविक स्वरूप पर विशेष लेख लिखिए।

परिचय भारतीय धर्मशास्त्रों में सूर्य और हनुमान का अत्यंत उच्च स्थान है। एक ओर सूर्य देव प्रकाश, ऊर्जा और जीवन के स्त्रोत हैं, वहीं दूसरी ओर हनुमान जी भक्ति, शक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। दोनों का दैविक स्वरूप अत्यंत प्रभावशाली और प्रेरणादायक है। इस लेख में हम इन दोनों देवताओं के दिव्य गुणों, महत्व

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सप्तऋषिकुमार तथा कश्यपमुनि पर विशद निबंध लिखिए।

परिचय भारतीय धर्मशास्त्रों और पुराणों में सप्तऋषि और कश्यप मुनि का विशेष स्थान है। ये ऋषिगण ब्रह्मा के मानस पुत्र माने जाते हैं और इन्हें मानव सभ्यता और संस्कृति के मूल स्तंभ के रूप में देखा जाता है। इन ऋषियों के द्वारा ज्ञान, धर्म और संस्कार की परंपरा को आगे बढ़ाया गया। इस लेख में

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शंकर एवं विष्णु पर विस्तृत लेख लिखिए।

परिचय भारतीय धर्म और संस्कृति में शंकर (महादेव) और विष्णु दो प्रमुख देवता हैं जो ब्रह्मांड की संचालन शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। शंकर विनाश और तपस्या के देवता हैं, जबकि विष्णु पालन और संतुलन के रक्षक हैं। दोनों देवों की उपासना सम्पूर्ण भारतवर्ष में होती है और गीता सहित अनेक शास्त्रों में इनकी महिमा

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