MBG-001

MBG-001: भगवद्गीता : परिचय एवं विषयप्रवेश – Assignment Answers

MBG-001 Assignment: सभी उत्तरों की लिंक नीचे MBG-001 (भगवद्गीता : परिचय एवं विषयप्रवेश) के सभी प्रश्नों के उत्तरों के लिंक दिए गए हैं। प्रत्येक उत्तर 600+ शब्दों में, सरल भाषा में लिखा गया है ताकि विद्यार्थी आसानी से समझ सकें। भगवद्गीता का विस्तृत परिचय लिखिए। गीता अध्ययन की विधियों पर लेख लिखिए। गीता की सांस्कृतिक […]

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गीता के शिक्षा दर्शन की विशेषताएँ लिखिए।

परिचय भगवद्गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक शिक्षा दर्शन (Educational Philosophy) का भी प्रतिनिधित्व करती है। इसमें जीवन, कर्तव्य, आत्मा, धर्म, और मोक्ष के माध्यम से मनुष्य के सर्वांगीण विकास की शिक्षा दी गई है। श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश शिक्षा के उच्चतम उद्देश्य और मूल्यों को प्रकट करता

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गीता में वर्णित मुख्य विषयों पर लेख लिखिए।

परिचय भगवद्गीता भारतीय दर्शन का ऐसा अमूल्य ग्रंथ है जिसमें जीवन के सभी पहलुओं – आत्मा, धर्म, कर्म, योग और मोक्ष – की गहन चर्चा की गई है। गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह एक दार्शनिक और नैतिक मार्गदर्शक भी है। इस उत्तर में हम गीता में वर्णित प्रमुख विषयों का विस्तार

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कौरव पक्ष के महानायकों का संक्षिप्त परिचय लिखिए।

परिचय महाभारत के युद्ध में कौरव पक्ष अधर्म और अहंकार का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि उनके पक्ष में कोई महानायक नहीं थे। कौरव पक्ष में भी अनेक योद्धा ऐसे थे जो अद्वितीय पराक्रमी, विद्वान और नीतिवान थे। इस उत्तर में हम कौरव पक्ष के प्रमुख महानायकों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत

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पाण्डव पक्ष के महानायकों का संक्षिप्त परिचय लिखिए।

परिचय महाभारत के युद्ध में पाण्डव पक्ष धर्म, सत्य और न्याय का प्रतीक था। पाण्डवों के साथ अनेक ऐसे महानायक थे, जिन्होंने न केवल वीरता दिखाई, बल्कि अपने आदर्शों और सिद्धांतों से युद्ध को धर्मयुद्ध बना दिया। इस उत्तर में हम पाण्डव पक्ष के प्रमुख महानायकों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करेंगे। 1. अर्जुन परिचय: अर्जुन

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धर्मक्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।

परिचय “धर्मक्षेत्र” शब्द भगवद्गीता के पहले ही श्लोक में आता है – “धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।” यह शब्द अत्यंत गूढ़ और गहराई से भरा हुआ है। इसे केवल युद्धभूमि के रूप में देखना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, धर्म और मनोविज्ञान का प्रतीक भी है। इस उत्तर में हम धर्मक्षेत्र की गहराई से

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गीता के काल निर्धारण पर विस्तार से लिखिए।

परिचय भगवद्गीता हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता तो है ही, परंतु इसका काल निर्धारण (Time Period Determination) एक जटिल और बहुपरतीय विषय है। इतिहासकारों और विद्वानों ने इसके समय निर्धारण को लेकर विभिन्न विचार प्रस्तुत किए हैं। इस उत्तर में हम गीता के रचनाकाल के बारे में

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गीता में नेतृत्व की अवधारणा पर प्रकाश डालिए।

परिचय गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह एक जीवन प्रबंधन का उत्कृष्ट ग्रंथ है जिसमें नेतृत्व (Leadership) की गहरी और प्रभावशाली अवधारणाएँ दी गई हैं। श्रीकृष्ण और अर्जुन का संवाद न केवल युद्ध के संदर्भ में, बल्कि जीवन के सभी पहलुओं में मार्गदर्शन देने वाला है। नेतृत्व की परिभाषा नेतृत्व वह गुण है

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महाभारत का परिचय विस्तार से लिखिए।

परिचय महाभारत भारतीय संस्कृति, धर्म, नीति और दर्शन का अद्वितीय महाकाव्य है। यह संसार का सबसे बड़ा महाकाव्य है जिसमें लगभग एक लाख श्लोक हैं। इसकी रचना महर्षि वेदव्यास ने की थी। इसमें कुरु वंश के दो प्रमुख वंशों – कौरव और पांडव – के बीच हुए महान युद्ध की कथा वर्णित है। महाभारत की

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गीता की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर निबंध लिखिए।

परिचय भगवद्गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक विरासत का गहन प्रतीक है। इसकी रचना एक ऐसे समय में हुई जब भारतीय समाज गहरे नैतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा था। इसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि हमें यह समझने में मदद करती है कि गीता का संदेश केवल

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