MBG-002 Assignment: सभी उत्तरों की लिंक
नीचे MBG-002 (धर्म-कर्म एवं यज्ञ) के सभी प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। हर उत्तर सरल हिंदी में और 600+ शब्दों में तैयार किया गया है ताकि विद्यार्थी आसानी से समझ सकें।
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गीता में धर्म एवं अधर्म पर विस्तार से लिखिए।
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गीता में मोह के मनोविज्ञान पर प्रकाश डालिये।
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कर्मयोगी के वे लक्षण जो अर्जुन अनुसार योग्य व्यक्ति बनाते हैं, लिखिए।
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कर्म की समानभाव स्थिति पर लेख लिखिए।
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गीता में अवतार की संकल्पना को विस्तार से स्पष्ट कीजिए।
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गीता के तात्त्विक सौन्दर्य पर निबंध लिखिए।
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गीता के अनुसार सम्पूर्ण गुणात्मक स्वरूप पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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गीता के अनुसार अभ्यासी भक्त की अवस्थाओं का संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
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गीता में निष्कामता एवं निष्ठा की अवधारणा पर टिप्पणी लिखिए।
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