MBG-002: धर्म-कर्म एवं यज्ञ – Assignment Answers

MBG-002 Assignment: सभी उत्तरों की लिंक

नीचे MBG-002 (धर्म-कर्म एवं यज्ञ) के सभी प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। हर उत्तर सरल हिंदी में और 600+ शब्दों में तैयार किया गया है ताकि विद्यार्थी आसानी से समझ सकें।

  1. गीता में धर्म एवं अधर्म पर विस्तार से लिखिए।

  2. गीता में मोह के मनोविज्ञान पर प्रकाश डालिये।

  3. कर्मयोगी के वे लक्षण जो अर्जुन अनुसार योग्य व्यक्ति बनाते हैं, लिखिए।

  4. कर्म की समानभाव स्थिति पर लेख लिखिए।

  5. गीता में अवतार की संकल्पना को विस्तार से स्पष्ट कीजिए।

  6. गीता के तात्त्विक सौन्दर्य पर निबंध लिखिए।

  7. गीता के अनुसार सम्पूर्ण गुणात्मक स्वरूप पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

  8. गीता के अनुसार अभ्यासी भक्त की अवस्थाओं का संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।

  9. गीता में निष्कामता एवं निष्ठा की अवधारणा पर टिप्पणी लिखिए।

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